उनकर रोआइ हमार करेजा पीरा देला

 

 

उनकर रोआइ हमार करेजा पीरा देला

 

 

 

 

उनकर रोआइ हमार करेजा पीरा देला

 

 

 

 

उनकर रोआइ हमार करेजा पीरा देला

बाकिर हँसी उनकर चेहरा खिला देला

 

रात भर जगावे तनिका करार ना आवे

याद जब आवेला त हलचल मचा देला

 

केहू लुट गइल केहू लुटल जी भर के

ई मुहब्बत आदमी से का का करा देला

 

अकेलापन हवे जइसे अन्हार अमावस के

पर हमसफर दिल में दियरी जरा देला

 

का ब्रह्मचरी केहू का मठ के पुजारी केहू

तन के सुंदरता विश्वामित्रो के हरा देला

 

ना झुके, ना झुके, ई कबहूँ भी ना झुकेला

ई जब भी खड़ा होला सबके झुका देला

 

नफरत ख़ौफ़ देके हरावेला इंसानियत के

लेकिन प्यार मन में रस बस के हरा देला

 

मुहब्बत भुलाके

 

मुहब्बत भुलाके जियल नइखे आसान

जख़म दिलवा के सियल नइखे आसान

 

यार दूरी आदमी के खोंखड़ बना देला

जुदाई के जहर पियल नइखे आसान

 

गिर के फर्श पर शीशा के नियन टुटल

सबसे ई हादसा कहल नइखे आसान

 

एक बेर जे अजनबी आपन हो जाला

त मन से ईयाद मिटावल नइखे आसान

 

चोख तीर जब नयन से चल गइल त

ओइसे खुदके बचावल नइखे आसान

 

करेजा के टुकड़ा एह  तरे  हो गइल

बेलगाम घोड़ा ह इख्तियार में ना आवे

समय एतना बरियार होला

जब भी आग लागी त इहाँ केकर घर ना जरी

 

 

 

 

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

[an error occurred while processing the directive]
error: Content is protected !!
91 club