बेलगाम घोड़ा ह इख्तियार में ना आवे

 

बेलगाम घोड़ा ह इख्तियार

 

 

 

बेलगाम घोड़ा ह इख्तियार में ना आवे

इहाँ केहू के जवानी संभार में ना आवे

 

अब त संबंध के कीमत तय हो गइल

एह दुनिया में कुछउ उधार में ना आवे

 

देहीं से देंह के मिलन त खूब होत बा

बाकिर प्रेम दिल के दुआर में ना आवे

 

छिछली पानी में सभे तिरल करेला इहाँ

बाँध के हिम्मत केहू भी धार में ना आवे

 

कब केहू मन में पाप लेके गले से लगाइ

एइसे ठीक कि केहू भी अँकवार में ना आवे

 

ऊ किनारे से हाथ देबे के वादा करत बाटे

बाकिर नीचे उतरके मँझदार में ना आवे

 

‘संजय’ पतझर में जिनगी के रस मिलल

अब त कवनो भी मजा बहार में ना आवे

 

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

[an error occurred while processing the directive]
error: Content is protected !!