बात के तुरल जाला त नया बात निकलेला
बात के तुरल जाला त नया बात निकलेला
बहुत कोशिश से कुछ एहसास निकलेला
जे सोचल जाता ऊ करल जाए तन मन से
सोच पूरेला तबे मन के तरास निकलेला
केहू के दिल में नफरत ना भड़कावल जाए
ई शोला जब भड़केला त बड़ी आँच निकलेला
सौ में नब्बे जना के इहे कहनाम बाटे कि जब
खइनी ठोक के खाले त संण्डास निकलेला
हमरा गाँव में हर आदमी के इहे हाल बाटे
कपार फोर के सबके मन के भँड़ास निकलेला