मउगत आ जाई त बचाइ के

मउगत आ जाई त बचाइ के

 

 

मउगत  आ जाई  त बचाई के

वक्त के गोड़ में बेड़ी लगाई के

 

सफर में  हमसफर साथ राखऽ

गर ठेक लाग जाई त उठाई के

 

घर के आगी त लोग बुता देही

बाकिर मन के आगी बुताई के

 

देखऽ सभे निर्बल के दबावऽता

ईश्वर अगर उठावस त दबाई के

 

प्रेम की महफिल में खड़ा बानी

अब दोस्त बनके हाथ मिलाई के

 

रस्ता जइसे अमावस के अन्हरिया

बनके पूनम हमके डहर देखाई के

 

बुद्धि की प्रकाश से जिनिगी

 

बुद्धि की प्रकाश से जिनगी उजियार हो जाला

परिश्रम कइला से मंजिल पे अधिकार हो जाला

 

चलत रहऽ बुजुर्गन के कदम के पाती धइले सदा

बड़ बुढ़ के राह देखावल चलके उद्धार हो जाला

 

शख़्स केहू अनजान देश के मन बहकावे लागेला

इहे ऊ लक्षन हऊए जब अदुमी के प्यार हो जाला

 

जहाँ ईद हिन्दू मनावे  अउरी होली  मुसलमां उहाँ

माटी के कण कण इंसानियत से गुलजार हो जाला

 

जे मनई हर पल के जिएला आखिरी पल के मतिन

ओकर हर पल युग – युग तक यादगार हो जाला

 

बनहीं के बा त केहू फूल के महक बने गुलशन के

जेकरा के समेंट के सुहावन मधुर बयार हो जाला

 

हर मर्द के जिनिगी पतंगा तरे होखे देश के खातिर

जे शमा की लौ पर बिन लोभ मोह के निसार हो जाला

 

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