bhojpuri kavita Archive

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तोहसे  बिछड़के  तोहसे  मिलल  जारी बा

तोहसे  बिछड़के  तोहसे  मिलल  जारी बा कबो रात  मंे नींद ना आवे ख़लल जारी बा   सूरतिया  बिहाने  के तोहार  देखिला  रोज तोहके  सोच  के अँखिया  मलल  जारी बा   ख़्वाब  पैदा  भइल  त  होके  बढ़ते  गइल तोहार  याद  दिलवा  में 

जब  से  आइल  बा  फगुआ मन केतना बउराइल बा

जब  से  आइल  बा  फगुआ मन केतना बउराइल बा पिया मिलन के  सोच के मनवा पोर पोर अंगडाइल बा   गवना  के  जे  बात  सुनिल  मनवा  में फूटेला लड्डू का होई का ना होई  सोच के ई जियरा सकुचाइल बा  

दुसरा  के  बेटी  के दुनिया  का का कहेला

दुसरा  के  बेटी  के दुनिया  का का कहेला आपन  बारी  आवेला  त  सभे  चुपे  रहेला   केतनो केहू सक्षम होखे ऊहो अक्षम हो जाला तूफां  आवेला  त निमन  निमन पेड़वा ढहेला   सभे प्यार करेला सभे  प्यार से जरेला बाकिर ई

हम  तू  मिलके  कब  ई  बतिया  समझल जाई

हम  तू  मिलके  कब  ई  बतिया  समझल जाई तान  के  सूतला से  सगरो जिनिगी बहकल जाई     रोज रगड़ के रसरी से इनरा के दार खीया जाला नित  कइला से कोशिश मन के चाहत पावल जाई   सभे नीचे रही
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