बस कट जाए ई सफर इहे दुआ करेके
बस कट जाए ई सफर इहे दुआ करेके
बस कट जाए ई सफर इहे दुआ करेके
अउरी भी जिनिगी से उम्मीद का का करेके
प्यार के खेला में ई तजुरबा सभे सिख लेला
बात-बात में प्रेमी पर शक सुबहा करेके
घर के कोना कोना उजियार त बा लेकिन
अब चलऽ दीया के नीचे एगो दीया करेके
पड़ोस में चराग कवनो जब भी जरत बाटे
आदमी सभे कोशिश करत बा हवा करेके
मर्द औरतन के अधिकार के कतल करके भी
सिखावत बाटे देखऽ पर्दा अउर हया करेके
अंगारी चिलम पर चढ़ी त
अंगारी चिलम पर चढ़ी त बुझार्इ्र
और धीरे-धीरे आँच बढ़ी त बुझाई
अंखड़ा से बहरा दाव सभे लगाई
पर आके दंगल में लड़ी त बुझाई
सदा गिरला के भय सतावत रहेला
केहू भी आसमान में उड़ी त बुझाई
भुलकर भी तू कबो लांछन जिन मारऽ
दरद एकर जब केहू मढ़ी त बुझाई
डहर में चलल केतना दूभर होला
जब भी एड़ी में कांट गड़ी त बुझाई
‘संजय’ कवि बनल आसान नइखे
जे कलम लेके ख्वाब गढ़ी त बुझाई