रात भर कल धरऽ उजियार होखे द
रात भर कल धरऽ उजियार होखे द
रात भर कल धरऽ उजियार होखे द
दुख के अंधेरा छँटी भिनसार होखे द
तू वोट ओकराके द जे देश के भला करे
साँच नेता के कुर्सी पर अधिकार होखे द
मन होखे बिगड़ल किस्मत बनवला के
तब बुद्धि के जीवन के आधार होखे द
भाई हो झूठ के पराजय निश्चित बाटे
जीत बदे सच्चाई के हथियार होखे द
ई नवका जमाना तकनिक से चलत बा
कुछ करे खातिर हाथ में औजार होखे द
मन की मढ़ई में अन्हार भरपूर बा
मन की मढ़ई में अन्हार भरपूर बा
हेरा जाई रस्ता आसार भरपूर बा
बिछड़ गइले सइँया कहाँ हम खोजीं
चहुँओर आदमी के बाजार भरपूर बा
इनार के पानी से पियास बुझ जाई
समुंदर के पानी त खार भरपूर बा
केतना दिन बाद भइल बाटे मिलन
मन में कहेके समाचार भरपूर बा
केहूतरे काँख के काटल जाता जिनिगी
देश सरकार से लाचार भरपूर बा
कबो कवनो हाल में घमंड जिन करऽ
हर जीत के अलोता में हार भरपूर बा
ऊ गली – गली बाटे ज्ञान लेके घूमत
कहऽता कि मन में विचार भरपूर बा
टीवी पर ख़बर पत्रकार बा परोसत
लोग लरियाइल बा आचार भरपूर बा