आदमी निमन बुरा मिल जाला
आदमी निमन बुरा मिल जाला
आदमी निमन बुरा मिल जाला
जख़्म भरेला कभी छिल जाला
मन में खुशी अपार जब होला
चेहरा फूल मतिन खिल जाला
गर केहू दिल से बद्दुआ देला
धरती से आकाश ले हिल जाला
क्रोध एगो भुखाइल अजगर ह
जे आदमी के समूंचा लील जाला
आदमी के समय एह मतिन
आदमी के समय एह मतिन बदल जाला
गोड़ कबो संभल जाला कबो बिछल जाला
बहुत लोग उतरेला गहराई में लेकिन
केहू डूब जाला एइमे केहू निकल जाला
हिरनी जस आँख के किरन जब पड़ेला
का गृहस्थ का सन्यासी सभे मचल जाला
केहू धनिक कबो प्रित के मोल ना दे पाई
ई श्रद्धा के चीज किनला से ना किनल जाला
सब मरद के किस्मत समुंदर के लहर हउए
जब हिलोर मारेला त बहुत ऊँचा उछल जाला
जे ना बदल सके ऊ अक्सर पीछे छूट जाला
ऊहे आगे बढ़ेला जे वक्त के संगे ढल जाला